जब खेलते-खेलते सर का पसीना कान में चला जाये
जब कोर्ट में गिरने पे "उठ साला" की आवाज आये
जब मेरा स्पोर्ट्स शू मेरे राइवल के पैर में नजर आये
जब कोई मेरा साबून शेयर करे, कपडा आलमीरा से यूँ ही ले जाये।
जब मेरे थाली से पहला कौर कोई और
और अन्तिम कौर कोई और खा जाये
जब होली में मेरा नया पैंट कोई और फड़वा आये
जब स्टेज पे महफ़िल सज जाये।
जब फर्स्ट क्रश कि बात चल जाये
जब नजरें किसी लड़की से अचानक मिल जाये
और जब तुरत ही दिल में फूल खिल जाये
और वो अगले ही दिन भैया बोल जाये!
जब जिंदगी के खूबशूरत सात सालों कि बात हो जाये
जब मॉर्निंग में पीटी करने कि बात आ जाए
जब बाउंड्री फांद के समोसा खाने जाने की बात आ जाये
जब द बेस्ट स्कूल कि बात आ जाये.
हाँ मुझे तेरी याद आती है नवोदय
जब मेरी जिंदगी कि बात आ जाये
जब मेरी खुशियों कि बात आ जाये
जब मेरे ख्वाबों की बात जाये
जब मेरे बचपन कि, मेरे जवानी कि बात आ जाये।
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