मुझे नही सुनना तुम्हारे हुँकार मुझे नही देखना तुम्हारी ताकत। मुझे पता है तुम्हारी हुंकार माइक में जाती है दूर दूर तक लोग सुनते हैं. मेरे भूखे बच्चे कि चीख से ज्यादा दूर नही जाती। देहाड़ी करता हूँ. खाने को धन नही हैं. माईक कहाँ से लाऊं?
एक साधू बाबा एक दिन सपना में पता नही केतना हजार टन सोना देख लिए और लग गए खुदाई करने में. हम कब से चिल्ला रहे हैं हमरो खेत में सोना निकलता है. आज तक एक बोरिंग नही खुदवा पाये।
और इ का सेक्य़ुलर सेक्युलर रात-दिन करता रहता है? कभी तुमको हिन्दू सेक्युलर लगता है कभी मुस्लमान तुमको सेक्युलर लगने लगता है. हमरा मालूम नही है कि हम का है. एक बेटा का नाम रहमान है बेटी का नाम सपना है. बताओ कि हम का हैं?
तुम लोग में कौन ज्यादा सेक्युलर है आपस में फैसला कर लो. सेक्युलर-सेक्युलर आपस में खेल लो. एक दिन तुम हो जाना दूसरे दिन दूसरे को होने देना सेक्युलर।
ये बात पता है तुमको कि हमको न तो मंदिर चाहिए न मस्जिद. काहे राम मंदिर राम मंदिर किये हो? दो चार गो स्कुल बनवा दो. मेरा रहमान और मेरी सपना पढ़ने जा सकेंगे।
लेकिन तुम कहे बनवाओगे? वो पढ़ लिख जायेंगे तो किसको मुर्ख बनाओगे?
देखो सच्चाई ये है कि, मुझे एकदम मालूम नही है मुज़फ्फरनगर में काहे इतना लोग मारे काटे गए? आज भी मर रहे हैं. टीवी में ये सुने कि मार काट कि वजह से एक पार्टी को ज्यादा वोट मिलेगा एक को नुकसान होगा। इसका मतलब ये है की मंत्री बनने के लिए हमलोगों को मार काट करवा रहे हो।
सुनो! हमको मतलब नही है, कौन प्रधानमंत्री बनता है कौन मुख्यमंत्री बनता है. तुम सब कुछ बन जाओ. प्रधामंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, कोयला मंत्री, रेल मंत्री। जेतना लूटना है लूटो न भाई. हमारा का जाता है?
बाकी इ सब तुम लोग आपसे में करो. हमलोगों को कहे मरवाते कटवाते हो? हम एगो इंसान हैं जीने दो खाली.